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प्रधानमंत्री जनमन योजना से जनजातीय अंचलों में पहुँचेगी स्वास्थ्य सेवा, अग्रणी कदम के लिए छत्तीसगढ़ है तैयार

रायपुर। प्रधानमंत्री जनमन (जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान) के अंतर्गत मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) सेवा छत्तीसगढ़ में शुरू की जा रही है। यह कार्यक्रम विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण और लक्षित पहल है।

राज्य के 18 पीवीटीजी जिलों — कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, कोरबा, जशपुर, सरगुजा, बलरामपुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, रायगढ़, धमतरी, महासमुंद, बलौदा बाजार, कबीरधाम, खैरगढ़-छुईखदान-गंडई, गरियाबंद, मुंगेली, बिलासपुर और मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर — के दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में यह सेवा चरणबद्ध रूप से प्रारंभ की जा रही है।

हर मोबाइल मेडिकल यूनिट में एमबीबीएस डॉक्टर, लैब तकनीशियन, प्रशिक्षित एएनएम नर्स और टेलीमेडिसिन के माध्यम से विशेषज्ञ परामर्श की सुविधा उपलब्ध रहेगी। प्रत्येक शिविर में रोगियों की जांच, दवा वितरण और आवश्यक परीक्षण नि:शुल्क किए जाएंगे।

कार्यक्रम का उद्देश्य पीवीटीजी समुदायों में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सुधार, संक्रामक और गैर-संचारी रोगों की रोकथाम, तथा टीकाकरण कवरेज बढ़ाना है। साथ ही डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी मौसमी बीमारियों के प्रति जनजागरूकता और रोकथाम पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

एमएमयू सेवाओं के संचालन के लिए धनुष हेल्थकेयर सिस्टम्स प्रा. लि. का चयन किया गया है, जिसके पास देश के कई राज्यों और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों (डब्ल्यूएचओ, यूएनडीपी, यूनिसेफ आदि) के साथ कार्य करने का अनुभव है।इन सेवाओं के लिए फोर्स मोटर T2-4020 मॉडल वाहनों का चयन किया गया है, जो कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में भी प्रभावी रूप से स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाने में सक्षम हैं।

इस पहल से छत्तीसगढ़ के जनजातीय अंचलों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी, और सामुदायिक स्वास्थ्य जागरूकता में वृद्धि होने की उम्मीद है।

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