रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा में सोमवार को पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान हुई गोबर की खरीदी और पैरा के परिवहन को लेकर सवाल पूछे गए। सवालों का जवाब देते हुए विभागीय मंत्री राम विचार नेताम की अनुपस्थिति में संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने गोधन न्याय योजना के तहत हुई गोबर खरीदी और पैरा परिवहन की जांच विधानसभा की प्रश्न संदर्भ समिति से करने की घोषणा की।
पैरा परिवहन को लेकर विधायक अजय चंद्राकर ने सवाल उठाया, वहीं गोबर खरीदी पर लता उसेंडी ने प्रश्न पूछा।
अजय चंद्राकर ने विधानसभा में सवाल उठाते हुए कहा कि, पैरा परिवहन के नाम पर मनमानी की गई। परिवहन व्यय भुगतान के लिए कोई मापदंड तय नहीं था। उन्होंने इस पूरे मामले की विधायकों की समिति से जांच कराने की मांग की। इस पर मंत्री अग्रवाल ने पहले अधिकारियों की टीम बनाकर जांच करने की घोषणा की, लेकिन चंद्राकर ने इस पर आपत्ति करते हुए कहा कि यह सब खेल उन्हीं लोगों ने किया है और वे ही जांच करेंगे। ऐसा नहीं हो सकता। इस पर अग्रवाल ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह से कहा कि यदि आप चाहें तो विधानसभा की प्रश्न संदर्भ समिति से जांच करा सकते हैं। अध्यक्ष ने इस पर सहमति दी।
गोबर खरीदी को लेकर लता उसेंडी ने सवाल उठाया और आरोप लगाया कि उनकी जानकारी में कई किसान ऐसे हैं जिन्होंने कम गोबर बेचा है, लेकिन उनके नाम पर ज्यादा खरीदी दिखाई गई है। उसेंडी ने कोंडागांव में 1 करोड़ 93 लाख रुपए का गोबर खरीदा गया। यहां एक किसान से 5 हजार 200 किलो गोबर खरीदा गया। लता उसेंडी ने कहा कि पैरा परिवहन की जांच हो रही है तो क्या गोबर खरीदी को भी उसमें शामिल किया जाएगा। इस पर मंत्री अग्रवाल ने सहमति दे दी। इस पर स्पीकर डॉ. रमन ने कहा कि ठीक है पैरा परिवहन के साथ इसकी भी जांच विधानसभा की समिति से करा ली जाएगी।
संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि, पैरे के परिवहन में 54 करोड़ रुपए खर्च किए गए। विधायक अजय चंद्राकर का आरोप है कि, उसके लिए कोई नियम, नीति नहीं थी। न ही कोई दर का निर्धारण किया गया था। ऐसा ही कुछ गोबर खरीदी में भी हुआ। माननीय विधायक लता उसेंडी की कोंडागांव विधानसभा क्षेत्र में 1 करोड़ 93 लाख रुपए का गोबर खरीदा गया। यहां एक ही किसान से 5200 किलो गोबर खरीदने का आरोप लगाया है। उस संदर्भ में अजय चंद्राकर और लता उसेंडी से संबंधित दोनो मामलों में जोकि कृषि विभाग से संबंधित है इसलिए संयुक्त रूप से प्रश्न संदर्भ समिति के माध्यम से माननीय विधानसभा अध्यक्ष ने जांच कराने के निर्देश दिए हैं।