रायपुर। युक्तियुक्तकरण से अतिशेष हुए शिक्षकों को नये स्कूलों में ज्वाइन नहीं करना महंगा पड़ गया है। एक साथ चार शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया गया है। इन शिक्षकों ने काउंसिलिंग के बाद नये शाला में ज्वाइन के बजाय हाईकोर्ट की शरण ली थी। लेकिन हाईकोर्ट से भी इन चार शिक्षकों को कोई खास राहत नहीं मिली। जिलास्तरीय कमेटी में भी अभ्यावेदन अस्वीकार होने के बाद चार शिक्षक अजय कुमार कश्यप, मंसूर अहमद सिद्दीकी, पुष्पा कुमारी कंवर और मंजू घृतलहरे को तत्काल प्रभाप से सस्पेंड कर दिया गया है। सभी शिक्षक कोरबा जिले के हैं और अलग-अलग स्कूलों में पदस्थ हैं।
युक्तियुक्तकरण के बाद अतिशेष सिक्षकों को एकल शिक्षकीय व शिक्षक विहीन स्कूलो में पदस्थ किया गया था। लेकिन इन शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था कि सभी प्रभावित शिक्षक जिलास्तरीय कमेटी में अभ्यावेदन दें, कमेटी एक सप्ताह के भीतर इसका निराकरण करेगी। तब तक अपीलकर्ताओं के युक्तियुक्तकरण पर रोक लगायी गयी थी।
कमेटी के पास इन शिक्षकों ने अभ्यावेदन किया, लेकिन 30 जून को सभी का अभ्यावेदन अस्वीकार कर दिया गया, जिसके बाद इन शिक्षकों को काउंसिलिंग के बाद आवंटित शाला में ज्वाइनिंग करना था, लेकिन शिक्षकों ने ज्वाइनिंग नहीं की, जिसके बाद चार शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया गया है।

