रायपुर। अंतिम छोर के गांव की अपनी पहचान होती है. शहर से दूर होने के साथ यहां की अपनी जीवनशैली होती है. दूर-दूर घर होते हैं. घर पर गाय बकरियां होती है. हरे-भरे पेड़ पौधे होते हैं और छोटी-छोटी बाड़ियाँ होती है, जहाँ पसंद की साग सब्जियां उगाई जाती है और आसपास मुर्गे-मुर्गियां छोटे चूजे घूमते-फिरते होते हैं. सुबह से शाम तक चहल-पहल होती है. अपनी परम्पराएं, अपनी संस्कृति और मजबूत रिश्ते मगर कच्चे घर होते हैं. इन्हीं पहचान के बीच किसी के टूटे हुए तो किसी के जैसे-तैसे बने मिट्टी और खपरैल वाले घर भी होते हैं, लेकिन अब विष्णु के सुशासन में गरीब परिवारों के पक्के मकान बनाने का सपना साकार हो रहा.
गाँव में किसी के पक्के मकान का होना उनके रसूखदार होने की पहचान हुआ करती थी, क्योंकि गरीबी की वजह से पक्के मकान का सपना अनगिनत ग्रामीणों के लिए महज सपना ही था, खेती-किसानी या फिर पीढ़ी दर पीढ़ी कच्चे मकानों में ही जिंदगी गुजार देने वाले ग्रामीणों ने कभी सोचा भी नहीं था कि एक दिन उनका भी पक्का मकान बनेगा और अपने जीते-जी वे किसी रसूखदारों के बीच पक्के मकान में रह पाएंगे.. कुछ ऐसा ही सपना छत्तीसगढ़ के दूरदराज के गांवों में रहने वाले गरीब परिवारों को खुशी और गर्व है कि किसी मजबूत रिश्तों की तरह उनके घरों की बुनियादें भी मजबूत हो रही है और कई मुश्किलों से गुजरी कच्चे मकानों में बस यादें ही रह जाएंगी.
छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत, पात्र परिवारों को आवास निर्माण के लिए कई तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं..इस योजना के तहत, ईडब्ल्यूएस और एलआईजी वर्ग के हितग्राहियों को आवास निर्माण या खरीद के लिए बैंक से ऋण लेने पर सब्सिडी दी जा रही है.. मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत, पात्र परिवारों को आवास निर्माण के लिए न्यूनतम 25 वर्ग मीटर के प्लींथ एरिया का मकान बनवाने के लिए राशि दी जाती है. मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत, पात्र परिवारों को स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण या मनरेगा के तहत राशि दी जाती है. अटल विहार योजना के तहत, कमज़ोर और निम्न आय वर्ग के परिवारों को आवास निर्माण के लिए अनुदान दिया जाता है.
छत्तीसगढ़ में ग्रामीण परिवारों को पक्के मकान प्रदान करने के उद्देश्य से संचालित की जा रही है प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G).. इस योजना का मुख्य उद्देश्य ऐसे परिवारों की सहायता प्रदान करना है, जिनके पास पक्का मकान नहीं है और जो कच्चे या जर्जर मकानों में रह रहे हैं..यह योजना राज्य के उन क्षेत्रों में भी लागू की गई है जहां बुनियादी सुविधाओं की कमी है..छत्तीसगढ़ के कुछ ग्रामीण इलाकों में लोगों को अच्छा और पक्का मकान देने के लिए कुछ-कुछ महीनों के अंतराल में सरकार आवास योजना का लिस्ट आधिकारिक वेबसाइट पर जारी करती है.
वर्तमान समय में सरकार छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत ₹1,20,000 गरीबों के बैंक अकाउंट में भेज रही है, वहीं छत्तीसगढ़ के पहाड़ी इलाकों में मौजूद गांव के गरीबों को ₹1,30,000 घर बनाने के लिए दिए जा रहे हैं.. इस योजना के तहत लाभार्थी को 90-95 मानव दिवसों का श्रम नरेगा (MGNREGS) से प्राप्त होता है, साथ ही शौचालय निर्माण के लिए ₹12,000 की अतिरिक्त सहायता स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (SBM-G) के तहत मिलती है.
गरीबों के जीवन में समृद्धि लाना सरकार का लक्ष्य
छत्तीसगढ़ में PMAY-G के तहत लाभार्थियों का चयन सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC) 2011 के डेटा के आधार पर किया जाता है.. इसके अंतर्गत सबसे गरीब परिवारों को प्राथमिकता दी जाती है.. प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत घरों के निर्माण के लिए पहली किस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रायपुर के इनडोर स्टेडियम में आयोजित ‘मोर आवास मोर अधिकार’ कार्यक्रम में भुवनेश्वर से वर्चुअली शामिल होकर जारी किया था जिसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ के 5.11 लाख लाभार्थियों के खाते में सीधे 2,044 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की…इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा था कि, “समाज के गरीब और कमजोर वर्गों के जीवन में समृद्धि लाना हमारी सरकार का लक्ष्य है. पिछले 10 वर्षों में हमारी सरकार ने इस लक्ष्य को प्राप्त करने में जबरदस्त सफलता हासिल की है.
लाभार्थियों के पैर धोकर सीएम ने किया था स्वागत
रायपुर के इनडोर स्टेडियम में आयोजित ‘मोर आवास मोर अधिकार’ कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, राज्य के अन्य मंत्री, विधायक और अधिकारी भी मौजूद रहे..अपने संबोधन में सीएम साय ने कहा था कि, “आज छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए दोहरी खुशी का दिन है. क्योंकि आज पीएम का जन्मदिन है और लाखों लोगों के लिए घर का सपना साकार होने जा रहा है. हम पीएम का दिल से आभार व्यक्त करते हैं. हमने समारोह में लाभार्थियों के पैर धोकर उनका स्वागत किया है.. आज बहुत खुश हूँ और आत्मिक संतोष भी है. रोटी, कपड़ा और मकान’ आम आदमी की सबसे बुनियादी जरूरतें हैं. लेकिन आजादी के कई दशकों बाद भी देश के करोड़ों नागरिकों के पास अपना घर नहीं है.
छत्तीसगढ़ में 18 लाख मकान स्वीकृत
प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिए बेघर परिवारों के लिए घर का सपना पूरा हो रहा है..” सीएम साय ने प्रधानमंत्री आवास योजना में अनियमितता को लेकर चेतावनी दी है.. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन को लागू करने के लिए हमारी सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है. इसके क्रियान्वयन में किसी भी तरह की लापरवाही और अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी.. “प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पूरे देश में 32 लाख मकान स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से करीब 30 फीसदी मकान छत्तीसगढ़ को आवंटित किए गए हैं, जो राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. मुख्यमंत्री बनने के बाद कैबिनेट ने सबसे पहला काम राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख मकान स्वीकृत करने का किया. किसी भी तरह की अनियमितता की शिकायत सामने आने पर संबंधित जिला कलेक्टर के खिलाफ सीधे कार्रवाई की जाएगी.”
प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रगति के बारे में जानकारी देते हुए उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा “भाजपा सरकार बनने के बाद से राज्य में हर महीने करीब 25,000 नए मकान बनाए जा रहे हैं पिछले 8 महीनों में अब तक करीब 1.96 लाख मकान बनाए जा चुके हैं. इसके अलावा प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत भी 24,000 मकान बनाए जा रहे हैं।इस महीने की शुरुआत में केंद्र ने राज्य में पीएमएवाई के तहत 8,46,931 मकानों को मंजूरी दी है, जबकि मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 47,000 मकान बनाए जा रहे हैं”
प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रगति के विषय में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा है “आज छत्तीसगढ़ के इतिहास को लिखने का दिन है. छत्तीसगढ़ के आवासहीन लोगों के जीवन में एक नई रोशनी मिलेगी. हमने जो वादा किया था, उसे आज पूरा किया है. यह सामाजिक न्याय और समरसता की दिशा में एक बड़ा कदम है..पिछले 10 वर्षों में केंद्र सरकार ने 4 करोड़ आवास बनाकर गरीबों के जीवन में बड़ा बदलाव लाया है. इसके साथ ही मोदी के तीसरे कार्यकाल में 3 करोड़ नए आवासों की स्वीकृति दी गई है, जिससे यह योजना और अधिक प्रभावी हो रही है.”
हितग्राही ने बताया – पक्के मकान का कभी सोचा नहीं था
कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा के अंतिम छोर के गाँव पतुरियाडाँड़ में रहने वाले गुलाब सिंह अपने तीन बेटों के साथ घर पर रहते हैं..लगभग 60 बसंत देख चुके गुलाब सिंह बताते हैं कि किसी तरह गाँव में खेती किसानी और मजदूरी से घर का खर्च चल जाता था.. अब बेटे भी यहीं करते हैं। उनकी कई पीढ़ी गुजर गई पर पक्का मकान बन पाएगा, ऐसा कभी सोचा भी नहीं था.. उन्होंने बताया कि उनके कच्चे मकान में जिंदगी कट गई.. कच्चे मकान में बारिश के समय बहुत ही ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ा.. कभी खपरैल के बीच से टपकते बारिश के पानी में रातों की नींदे खराब हुई तो कई बार नीचे फर्श कीचड़मय हुआ. गुलाब सिंह से बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना में नाम आने के बाद उन्हें इस बात की चिंता थी कि वास्तव में पक्का मकान बनाने के लिए पैसे मिलेंगे या नहीं.. कई बार तो लगता था कि खाते में पैसा नहीं आएगा और पक्के मकान का सपना कभी पूरा नहीं हो पायेगा.
पक्के मकान में अब सुकून से रह पाएगा परिवार : पिंकी
गुलाब सिंह ने बताया कि जब खाते में राशि आई तो मकान का सपना हकीकत में बदल गया है.. खाते से राशि निकालकर अपनी मकान को मूर्त रूप दे रहा है. गुलाब सिंह ने बताया कि उन्हें खुशी है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों के खाते में पैसा डाला है और यह राशि उनके जैसे गरीब परिवारों के सपनों को सच कर रहा है.. इसी गाँव की निवासी पिंकी पैकरा को भी अपने पक्के मकान का पूरा होने का इंतजार है.. वह कहती है कि कच्चे मकान में रहने से बहुत परेशानी उठानी पड़ती है. पक्का मकान बारिश के दिनों में उन्हें किसी परेशानी में नहीं डालेगा और वह सुकून से रह पाएगी.
ग्रामीण पंचराम और उनकी पत्नी रूपकुंवर के खाते में भी आवास बनाने के लिए राशि आयी तो इन्होंने मकान पूरा करा लिया है.. पंचराम ने बताया कि उनके घर का प्लास्टर का काम ही शेष है, जल्द ही यह काम पूरा हो जाएगा और वे पक्के मकान में रहने लगेंगे.. गांव के लबदराम भी पीएम आवास के हितग्राही है. इन्होंने खाते में राशि आते ही काम शुरू कर दिया है.. अभी तक 65 हजार प्राप्त कर चुके लबदराम ने बताया कि जल्दी ही उनका घर पूरा हो जाएगा और वे अपने परिवार के साथ कच्चे मकान को अलविदा कह देंगे.. इन सभी हितग्राहियों ने पीएम आवास के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के प्रतिआभार जताया और अपने सपने के आशियाने को लेकर गौरवान्वित महसूस करते हुए खुशी व्यक्त की.