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अमृतकाल: छत्तीसगढ़ विजन डाक्यूमेंट तैयार करने जनप्रतिनिधियों एवं जनसामान्य से लिए जा रहे सुझाव, सेक्टरवार वर्किंग ग्रुप्स गठित – बैठकों का सिलसिला जारी


रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार बजट सत्र के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य को वर्ष 2024 तक विकसित राज्य बनाने की घोषणा को अमल में लाने के लिए इसकी रूपरेखा एक विजन डाक्यूमेंट के रूप में तैयार करने में जुट गयी है। राज्य नीति आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ विजन डाक्यूमेंट के लिए विधायकगणों, जनप्रतिनिधियों, शिक्षाविदों, विद्यार्थियों, व्यापारियों एवं उद्यमियों सहित जनसामान्य से सुझाव लिए जाने का सिलसिला शुरू कर दिया गया है। मोर सपना मोर विकसित छत्तीसगढ़ नामक पोर्टल के माध्यम से भी सुझाव प्राप्त किए जा रहे है। इस एप का ज्यादा से ज्यादा उपयोग लोग सुझाव देने के लिए कर सके इसके लिए इसका अधिकाधिक प्रचार विभिन्न माध्यमों से किया जा रहा है।

राज्य नीति आयोग द्वारा विजन डाक्यूमेंट तैयार करने के लिए तकनीकी रूप से दक्ष कंसल्टेंसी संस्था का चयन किया गया है। इन संस्थाओं को देशीय और अंतरदेशीय विजन डाक्यूमेंट जैसे गुजरात, आंध्रप्रदेश और गोवा पर काम करने पर अनुभव है। नीति आयोग द्वारा सेक्टोरल विजन तैयार करने के लिए शासकीय विभागों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के साथ ही सेक्टरवार विजन तैयार करने सभी संबंधित विभागों और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ आठ सेक्टरवार वर्किंग गु्रप गठित किए गए हैं। वर्किंग गु्रप्स में विजन को लेकर चर्चा की जा रही है। आठ वर्किंग गु्रप्स की प्रथम चरण की बैठकें हो चुकी है। द्वितीय चरण की बैठकें आज 19 जून से शुरू हो गई है, जो 9 जुलाई तक चलेंगी। आने वाले दिनों में युवा, कृषक, महिला, एवं प्रबुद्धजनों से भी छत्तीसगढ़ विजन डाक्यूमेंट को लेकर संवाद किया जाएगा। कॉलेज के फैकल्टीज और विद्यार्थियों एवं सीआईआई, फिक्की आदि संस्थाओं और उनके प्रतिनिधियों से भी चर्चा की जाएगी।

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