रायपुर। खाद्य नियंत्रक एवं औषधि प्रशासन की टीम ने 9 ज़िलों में छापेमार कार्रवाई कर गुणवत्ता परीक्षण के लिए दवाओं के सैंपल लिए. शासकीय अस्पतालों एवं स्कूलों में बांटने वाली दवाइयों की सैंपल ली.
नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन कुलदीप शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर प्रदेश क़े मातृ एवं स्कूली बच्चों मे हीमोग्लोबिन स्तर मे निरंतर सुधार के लिए व्यापक स्तर पर दवाओं की गुणवत्ता परिक्षण किया जा रहा है. प्रदेश के नौ जिलों से शासकीय अस्पतालों एवं स्कूलों में आपूर्ति किए जाने वाले क़े आयरन और फोलिक एसिड टेबलेट का नमूना लिया गया है.
उन्होंने बताया, औषधि निरिक्षकों ने राज्य क़े जिला अस्पतालों, स्कूलों और दवा निगम क़े वेयर हाउस से आयरन और फोलिक एसिड क़े विभिन्न फार्मूलेशन का नमूना संकलन कर गुणवत्ता परीक्षण के लिए कालीबाड़ी रायपुर स्थित राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला भेजी है. यहां दवाओं की गुणवत्ता परीक्षण किया जाएगा और जांच रिपोर्ट क़े आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी.
जानिए कहां-कहां से लिया गया सैंपल
1. ड्रग वेयर हाउस जशपुर
2. ड्रग वेयर हाउस कोरिया
3. ड्रग वेयर हाउस जगदलपुर
4. जिला अस्पताल राजनांदगाव
5. जिला अस्पताल रायपुर
6. जिला अस्पताल अंबिकापुर
7. कार्यालय विकास खंड शिक्षा अधिकारी दुर्ग
8. कार्यालय विकास खंड शिक्षा अधिकारी धमतरी
9. कार्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी तखतपुर (बिलासपुर)
10. कार्यालय विकास खंड शिक्षा अधिकारी कोटा (बिलासपुर )
दवाएं जिनके नमूना लिए गए
1. आई एफ ए – विफ़्स जूनियर
2. आई एफ ए – विफ़्स रेड
3. आई एफ ए – विफ़्स ब्लू
उप नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन बसंत कौशिक ने बताया, दवाइयां गर्भवती महिलाओं और बच्चों में हीमोग्लोबिन की कमी दूर करती है. हीमोग्लोबिन, गर्भवती महिलाओं में शिशु विकास में बहुत सहयक होती है. साथ ही बच्चों क़े मानसिक एवं शारीरिक विकास क़े लिए अतिआवश्यक है.