रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी विधिविभाग के महामंत्री एवं सरगुजा संभाग के प्रभारी राजेश दुबे अधिवक्ता ने कहा कि यह तो तय हो गया कि भाजपा ने राजनांदगांव में हार मान ली है इसीलिए एफ़आईआर का खेल शुरु हो गया है, लेकिन भूपेश बघेल कांग्रेस पार्टी के जनाधार वाले नेता हैं ,वो डरने वाले नहीं है और न ही पीछे हटने वाले हैं। कांग्रेस पार्टी के नेता जब देश के आजादी की लड़ाई के समय अंग्रेजों से नहीं डरे तो वो भाजपा से क्या डरेंगे। भाजपा सरकार के मंत्री बृजमोहन अग्रवाल आखिर महादेव एप को बंद क्यों नहीं होने देना चाहते,उन्होंने प्रेस के सामने बयान दिया कि अभी महादेव एप को बंद करने की जरूरत नहीं,तो क्या भूपेश बघेल के द्वारा महादेव एप के संचालकों के खिलाफ की गई कार्यवाही के परिणाम स्वरूप उनके खिलाफ एफ आई आर की गई है?
कुछ सवाल छत्तीसगढ़ की जनता भाजपा से जानना चाहती है जिसका जवाब भाजपा को देना चाहिए।
सवाल नंबर1. एफ़आईआर के विवरण में जब भूपेश बघेल के नाम का ज़िक्र ही नहीं है तो फिर भूपेश बघेल का नाम एफ़आईआर में आया क्यों? अधिकारीगणों में से किसी का नाम क्यों नहीं है?
सवाल नंबर 2. जब FIR 4 मार्च 2024 को दर्ज हुई तो अब तक वेबसाइट पर क्यों नहीं अपलोड की गई? 17 मार्च को यह अचानक दिल्ली से प्रकाशित कैसे हुई? जबकि FIR तो रायपुर में है।
सवाल नंबर 3. “मोदी की गारंटी” और “विष्णु के सुशासन” से छत्तीसगढ़ में और पूरे देश में “महादेव सट्टा एप्प” चल रहा है, अब तक बंद क्यों नहीं हुआ?
सवाल नंबर 4. जिस प्रकार फ़्यूचर गेमिंग कंपनी से 1300 करोड़ से अधिक चंदा लेकर भाजपा ने संरक्षण दिया, उसी प्रकार महादेव एप्प से भाजपा ने कितना चंदा लिया?
सवाल नंबर 5. जब ED जाँच कर रही थी, तो EOW को यह जाँच क्यों सौंपी गई?
राजेश दुबे ने अंबिकापुर भाजपा कार्यालय में भाजपा नेताओं द्वारा प्रेस में दिए बयानों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एक कहावत में अपनी पूरी बात कह दी कि “सूप तो सूप,चलनी भी बोले जिसमे, बहत्तर छेद”। भ्रष्ट्राचार के आकंठ तक डूबी पार्टी के नेताओं के मुंह से नीति की बात शोभा नहीं देती।