रायपुर। वह देखो पास खड़ी मंजिल, इंगित से हमें बुलाती है,
साहस से बढ़ने वालों के, माथे पर तिलक लगाती है। अगर हम साहस से आगे बढ़ेंगे तो निश्चित रूप से हमें सफलता प्राप्त होगी। ये बात मंगलवार को प्रो जे एन पाण्डेय शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पहुंचे शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कही। श्री अग्रवाल विद्यालय के भूतपूर्व विद्यार्थी सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने स्कूल के नवीनीकरण के लिए 5 करोड़ रुपए देने की भी घोषणा की है। समारोह के दौरान श्री अग्रवाल ने विद्यार्थियों से अनुभव साझा किए कि, जब वो इस स्कूल के विद्यार्थी थे तब कैसे शरारत करते थे और शिक्षकों को उपनाम देते थे। यही से उन्होंने राजनीतिक जीवन में कदम रखा था जब एक शिक्षक ने नहीं पढ़ने पर बच्चों को फेल कर दिया था तब श्री अग्रवाल ने आंदोलन किया था। उन्होंने यह भी कहा कि आज के समय समय में प्रतियोगिता काफी कठिन हो गई है ऐसे में बच्चों को पहले से ही अपने लक्ष्य को निर्धारित करना पड़ेगा और उसी के अनुसार कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी उनको एक्स्ट्रा क्यूरिकलर एक्टिविटी पर भी ध्यान देना पड़ेगा। जिससे उनका बहुमुखी विकास हो सके।
श्री अग्रवाल ने शिक्षकों को भी सुझाव दिया की आज का समय आईटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का समय है ऐसे में बच्चों में इन्नोवेटिव और क्रिएटिव सोच सोच पैदा करने वाली शिक्षा देनी पड़ेगी जिससे बच्चे फिर में शामिल न हो वह कुछ अलग करें। शिक्षकों को भी अपने आप को अपडेट रखना पड़ेगा साथ ही बच्चों और उनके परिजनों से भी अच्छे संबंध बनाने पड़ेंगे और समय-समय पर चर्चा करनी पड़ेगी।
शिक्षण संस्थानों को शिक्षण संस्थानों को मार्कशीट बांटने के केंद्र ना बनें, बल्कि बच्चों के सर्वांगीण विकास का केंद्र बने। बच्चे अच्छा नागरिक बन पाए उस दिशा में काम करने की जरूरत है। श्री अग्रवाल ने बताया कि प्रो जे एन पाण्डेय स्कूल के भूतपूर्व छात्रों में चार मुख्यमंत्री के साथ ही हजारों आईएएस, आईपीएस, न्यायधीश रह चुके हैं। इसके अलावा पूरी दुनिया में इस स्कूल के छात्र ऊंचे पदों पर काम कर रहे हैं। स्कूल प्रबंधन को आने वाले समय में एक तीन दिवसीय छात्र सम्मेलन आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। इस आयोजन से यहां के विद्यार्थियों को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
कार्यक्रम में आईजी, सीआईडी डॉ संजीव शुक्ला, प्रधान मुख्य वन संरक्षक तपेश कुमार झा, प्राचार्य मोहनराव सावंत, विद्यार्थी, परिजन, शिक्षक और प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।