रायपुर। दान, दया, धर्म और अध्यात्म की नगरी आरंग अब राजा मोरध्वज नगरी के नाम से जानी जायेगी। ये घोषणा धर्मस्व एवं संस्कृति बृजमोहन अग्रवाल ने दो दिवसीय राजा मोरध्वज महोत्सव के समापन के अवसर पर की। बृजमोहन अग्रवाल कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।
उन्होंने महोत्सव में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि, राजा मोरध्वज एक न्यायप्रिय और धर्मपरायण राजा थे। जिन्होंने अपना वचन निभाने के लिए अपने बेटे को आरी से कटवा दिया था। जिस कारण आरंग को यह नाम मिला। राजा मोरध्वज का जीवन हमें बहुत कुछ सबक देता है। अगर हम धर्म के रास्ते पर चलेंगे और वादों के पक्के रहेंगे तो भगवान भी हमारा साथ देंगे।
श्री अग्रवाल ने राजा मोरध्वज महोत्सव को भव्य रूप देने के लिए प्रत्येक वर्ष 5 लाख रूपए देने की घोषणा की। इतना ही नहीं इलाके में मिलने वाली पुरातत्व धरोहर को सहेज कर रखने के लिए 25 लाख रुपए लागत से संग्रहालय के निर्माण की घोषणा भी की ।
महोत्सव का आयोजन विधायक गुरु खुशवंत साहेब ने किया था कार्यक्रम में विधायक अनुज शर्मा, कृष्ण कुमार भारद्वाज, राजेंद्र चंद्राकर, लक्ष्मी वर्मा, श्री नारंग, श्री किरण, पर्यटन विभाग के अधिकारी समेत बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे।
इस अवसर पर स्थानीय कलाकारों ने नाटक का मंचन कर राजा मोरध्वज और भगवान कृष्ण के संवाद को जीवंत किया जिसने सभी का दिल जीत लिया।