रायपुर। संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संविधान सभा में चेताया था कि इस देश को गरीबी या बाहरी ताकतों से नहीं, बल्कि देश के जयचंदों और मीरजाफरों से सबसे बड़ा खतरा है। उनकी यह बात आज सच होती दिख रही है। यह विचार सुप्रसिद्ध विचारक और राष्ट्र चिंतक राकेश सिन्हा ने “मेरा संविधान – मेरा अभिमान” कार्यक्रम के समापन समारोह में व्यक्त किए।
कार्यक्रम का आयोजन शासकीय नागार्जुन विज्ञान महाविद्यालय, रायपुर में किया गया। इस अवसर पर रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि राकेश सिन्हा ने मुख्य वक्ता के रूप में सभा को संबोधित किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राकेश सिन्हा ने कहा कि, “डॉ. अंबेडकर ने जिस खतरे की आशंका जताई थी, वह आज सत्य साबित हो रही है। अमेरिकी उद्योगपति जॉर्ज सोरोस जैसे लोग देश के संविधान पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला कर रहे हैं और उनके एजेंट देश के भीतर संविधान पर खतरा बताकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। संविधान केवल एक लिखित दस्तावेज नहीं है, बल्कि इसे संचालित करने वाले लोगों के चरित्र और नैतिकता पर आधारित होता है। यही कारण है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों में संविधान होते हुए भी वे संकट में हैं।”
सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने युवाओं को संविधान की मूल भावना को समझने पर बल दिया। उन्होंने कहा, “भारत का संविधान न केवल हमारे लोकतंत्र की नींव है, बल्कि यह हमारी एकता, अखंडता और विविधता का मार्गदर्शक भी है। आजादी के बाद भारत अगर पल्लवित, पुष्पित और विकसित हो रहा है तो उसका सबसे बड़ा आधार हमारा संविधान है। भारत का संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि देश की आत्मा है। हमें न केवल अपने मौलिक अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए, बल्कि अपने कर्तव्यों को भी समझना चाहिए।”
विजेताओं का सम्मान:
संविधान दिवस के उपलक्ष्य में रायपुर लोकसभा क्षेत्र के सभी केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों – आईआईएम, एनआईटी, ट्रिपल आईटी, एम्स, सिपेट समेत 100 से अधिक कॉलेजों में “मेरा संविधान – मेरा अभिमान” विषय पर विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। समापन समारोह में विजेताओं को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सच्चिदानंद शुक्ला, युवा आयोग के अध्यक्ष विश्वविजय तोमर, प्राचार्य अमिताभ बनर्जी, राज्य गौ रक्षा आयोग के अध्यक्ष विशेश्वर पटेल, कार्यक्रम संयोजक दानसिंह देवांगन, तथा कार्यक्रम प्रभारी संजय जोशी सहित हजारों की संख्या में छात्र-छात्राएं और गणमान्यजन उपस्थित रहे। कार्यक्रम ने संविधान की मूल भावना और महत्व को रेखांकित करते हुए युवाओं को मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने का संदेश दिया।