रायपुर- जीपीएम जिले के प्रभारी मंत्री और स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आज जिला प्रवास के दौरान कलेक्ट्रेट के अरपा सभा कक्ष में विभागीय गतिविधियों की समीक्षा की। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, पेयजल एवं पर्यटन विकास पर विशेष जोर दिया। उन्होंने राजस्व विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि जमीन से संबंधित एक भी प्रकरण लंबित नहीं होना चाहिए तथा सीमांकन के सभी 90 लंबित प्रकरण एक सप्ताह के भीतर अनिवार्य रूप से निराकृत करें। प्रभारी मंत्री ने किसानों का आय बढ़ाने के लिए कृषि के अलावा उन्हे जिले में निर्मित 119 अमृत सरोवरों में मछली उत्पादन हेतु निशुल्क मछली बीज उपलब्ध कराने और उद्यानि फसलों- आम, केला, पपीता, कटहल आदि की खेती के लिए करें प्रेरित करने कहा। उन्होने मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देने तथा सुगंधित धान की खेती करने वाले किसानों को मिनी राइस मिल के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने कहा।
प्रभारी मंत्री श्री जायसवाल ने जीपीएम जिले को पर्यटन जिले के रूप में पहचान दिलाने पर्यटन विकास और आजीविका पर जोर देते हुए कहा कि राजमेरगढ़, कबीर चबूतरा सहित अन्य पर्यटन स्थलों के विकास के लिए वृहद दृष्टिकोण अपनाते हुए प्रस्ताव तैयार करें। इसके लिए कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को शामिल करते हुए वनमण्डलाधिकारी की अध्यक्षता में उर्जा, जल संसाधन, लोक निर्माण एवं राजस्व विभाग के समन्वय से समिति गठित करें। उन्होने पढ़ाई की गुणवत्ता का ध्यान रखने, समय पर शाला में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने तथा जिन स्कूलों में बाउंड्रीवाल है वहां उद्यानिकी विभाग के सहयोग से फूल-पौधों की बागवानी के साथ ही किचन गार्डन के तहत मुनगा, कटहल एवं केला अनिवार्य रूप से लगाने कहा।
प्रभारी मंत्री श्री जायसवाल ने समीक्षा के दौरान मलेरिया उन्मूलन के लिए मच्छरदानी वितरण, डीडीटी छिड़काव एवं जलजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए सभी आवश्यक उपाय करने कहा। उन्होने किसानों से अधिक से अधिक खाद-बीज का उठाव कराने, पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ दिलाने एवं गिरदावली को अधार मानकर वास्तविक किसानो का ही पंजीयन करने कहा। उन्होने शुद्ध पेयजल की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने, सिंचाई का रकबा बढ़ाने हेतु बड़े नहर लाइन का प्रस्ताव भेजने तथा छोटे-छोटे नहर लाइन का कार्य मनरेगा मद से कराने, रेत खदानों के लिए पट्टा देने हेतु प्रस्ताव भेजने, नगरीय निकायों में वार्डों का परिसीमन, नियमित रूप से समाजिक सुरक्षा पेंशन दिलाने, वन अधिकार अधिनियम के तहत सभी पात्र हितग्राहियों को वन अधिकार पट्टा दिलाने के साथ ही विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन और उपलब्धि में गति लाने के निर्देश दिए।