रायपुर। साय मंत्रिमंडल के दो खाली पदों को भरे जाने का इंतजार प्रदेश की जनता के साथ विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी कर रही है. कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जैसे ही इन पदों पर नियुक्ति होगी, भाजपा में बवंडर मचना तय है. एक दर्जन से अधिक नेता दावेदार हैं, और सीट दो ही है. जैसे ही शपथ ग्रहण होगा, भाजपा में अस्थिरता आनी चालू हो जाएगी.
कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने मीडिया से चर्चा में विधानसभा के मानसून सत्र में कानून में संभावित बदलाव को लेकर कहा कि यह सरकार पूरी तरीके से निष्क्रिय है. कानून में संशोधन करना, चलती योजनाओं को बदलना, यही सरकार का लक्ष्य है. 6 महीने में सरकार का कोई भी विजन नहीं दिखा है. गोठान योजना को बंद कर गौ अभयारण्य की बात कर रहे हैं. युवाओं को बेरोजगार भत्ता, महिलाओं को काम मिल रहा था, वह बंद कर दिया. पुराने कानून बदलने की बात कर रहे हैं, पहले जो कानून बने हैं, उसे अच्छे से लागू कर लें.
सुशील आनंद शुक्ला ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी बदलने की चल रही चर्चा को महज अफवाह बताते हुए कहा कि यह फैसला आलाकमान को करना है. इसके साथ ही भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि लगातार पीसीसी चीफ बैज पर लगातार आक्रमण कर रही है. जब भाजपा विपक्ष में थी, तो उन्होंने ने भी अध्यक्ष और प्रभारी बदले थे. वे हम पर टिप्पणी न करें.
कांग्रेस संचार प्रमुख ने विद्युत के बढ़े हुए दाम और बिजली कटौती को लेकर किए जाने वाले कांग्रेस के प्रदर्शन पर कहा कि छत्तीसगढ़ के हर कस्बे से बिजली कटौती की जा रही है. दाम में भी बढ़ोतरी की गई है. कई इलाकों में 3-4 दिनों तक बिजली नहीं आती. कांग्रेस सभी जिलों में प्रदर्शन करेगी, जिसकी तिथि जल्द घोषित होगी.
वहीं शारदा चौक सड़क चौड़ीकरण की मांग पर सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बीजेपी ने अपने 15 साल के कार्यकाल में सड़क चौड़ीकरण के काम को लंबित रखा. कांग्रेस के कार्यकाल में तकनीकी दिक्कतों को दूर किया गया. मुआवजे को लेकर आंकलन किया गया, लेकिन आचार संहिता की वजह से काम अधूरा रह गया. हम उम्मीद करते हैं भाजपा के कार्यकाल में ये काम पूरा होगा.
नीट को लेकर केंद्र सरकार को घेरा
NEET में हुई गड़बड़ी के NEET पीजी परीक्षा के रद्द करने पर कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सरकार की कारवाइयों से लग रहा है कि बड़े स्तर पर गड़बड़ी हुई है. नीट पर जनमत से केद्र सरकार घबराई हुई है, नीट पीजी की परीक्षा को रद्द किया है, लेकिन नीट यूजी की परीक्षा को रद्द नहीं किया गया. परीक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल उठेगा, तो छात्रों का भविष्य अंधकार होगा.