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जीएसटी काउंसिल की बैठक में छत्तीसगढ़ के वित्तमंत्री ओपी चौधरी हुए शामिल, राज्यहित के लिए रखे कई अहम प्रस्ताव…

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में आज शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी परिषद की 53वीं बैठक ली. इस बैठक में छत्तसीगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी समेत सभी राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हुए. बजट पूर्व बैठक में वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने राज्यहित के कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव और सुझाव प्रस्तुत किए.

नवा रायपुर के विकास के लिए आर्थिक सहायता का अनुरोध

चौधरी ने छत्तीसगढ़ की नई राजधानी नवा रायपुर अटल नगर के विकास के लिए आर्थिक सहायता का अनुरोध किया. इसे देश की सबसे सुनियोजित और हरित सिटी बनाने की योजना है. उन्होंने इसे रायपुर और दुर्ग-भिलाई के साथ मिलाकर स्टेट कैपिटल रीजन के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया और सूचना प्रौद्योगिकी, वित्त, बैंकिंग, और ग्रीन एनर्जी के हब के रूप में उभारने के लिए आर्थिक सहायता मांगी.

रेल नेटवर्क के विस्तार की मांग

वित्तमंत्री ने राज्य में रेल नेटवर्क के विस्तार की भी मांग की, खासकर खनिज समृद्ध क्षेत्रों से खनिजों के परिवहन के लिए. रेल नेटवर्क के विस्तार से औद्योगिक विकास को गति मिलेगी और परिवहन सस्ता होगा. इसके अलावा, नागपुर-रायपुर-विशाखापटनम इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित करने या मौजूदा कॉरिडोर से रायपुर को जोड़ने की जरूरत पर जोर दिया.

टेक्सटाइल और मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना

चौधरी ने टेक्सटाइल पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना का भी अनुरोध किया. उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत दुर्गम वन क्षेत्रों में निर्मित सड़कों के संधारण और केंद्रीय सुरक्षा बलों के कैंपों तक सड़क निर्माण के लिए बजट प्रावधान की मांग की.

सामाजिक और स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार

इसके अतिरिक्त, रायपुर में वृद्धजनों के लिए इंटीग्रेटेड जिरियाट्रिक हेल्थ सेंटर की स्थापना, बच्चों के लिए खाद्य सामग्री की दर और रसोइयों के मानदेय में वृद्धि, और आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत प्रीमियम राशि में वृद्धि का प्रस्ताव रखा.

डीएमएफ नियमों में बदलाव की मांग

वित्तमंत्री ने डीएमएफ (जिला खनिज निधि) के नए नियमों में बदलाव का भी आग्रह किया ताकि खनिज समृद्ध जिलों के आसपास के क्षेत्रों का समान विकास सुनिश्चित हो सके. उन्होंने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा सातवें वेतनमान लागू करने के लिए अतिरिक्त वित्तीय भार का 50 प्रतिशत केंद्रांश की मांग भी की.

केंद्रीय वित्तमंत्री का आश्वासन केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्य के विकास और जन कल्याणकारी कार्यों के लिए अधिक आर्थिक सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया. इस बैठक में छत्तीसगढ़ के वित्त सचिव मुकेश बंसल भी शामिल थे.

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